लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले 15 लोगों पर पुलिस ने केस दर्ज किए हैं। बीते 5 दिन में ऐसे 46 केस दर्ज हो चुके हैं। इस बार कमला नगर, स्टेशन बजरिया, हबीबगंज, कोलार, चूना भट्टी, ऐशबाग, गोविंदपुरा, बैरागढ़, निशातपुरा, बैरसिया और ईटखेड़ी पुलिस ने ये कार्रवाई की हैं। इधर, कलेक्टर भोपाल की ओर से जारी धारा 144 के आदेश का उल्लंघन करने वाले इमाम व मुअज्जिन समेत 28 अन्य के खिलाफ तलैया पुलिस ने केस दर्ज किया है। सभी पर गुरुवार रात जैनब मस्जिद इस्लामपुरा में आदेश का उल्लंघन कर नमाज अदा की थी। सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा 188, 269, 270 के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने अपील की है कि लॉकडाउन आदेश का पालन करें। साथ ही कोरोना वायरस की रोकथाम व बचाव के लिए घर में रहकर पुलिस व प्रशासन का सहयोग करें।
संक्रमण की जानकारी छिपाने पर हो सकती है दो साल तक की जेल
कोरोना वायरस का फैलाव रोकने के लिए लागू किए लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले अाैर बीमारी को छिपाने वालों को बाद में जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है। जानबूझकर लॉकडाउन का उल्लंघन करना या कोराना वायरस से संक्रमित होने की जानकारी छिपाना या खुद को क्वारेंटाइन नहीं करने वालों पर कानून में कार्रवाई का प्रावधान है। एेसे मामलाें में उन्हें 6 माह से लेकर दो साल तक की जेल हो सकती है। संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 269 और 270 में उल्लेख है कि संक्रामक बीमारी या महामारी के दौरान इसके फैलाव में किसी भी तरह से सहभागी बनना आपको अपराधियों की कतार में खड़ा कर सकता है। इन धाराओं में हाल ही में देश में पहला केस लखनऊ में दर्ज हुआ है, इसके बाद देशभर में कई शहरों में इन धाराओं में केस दर्ज होना शुरू हो गए हैं।
भारतीय दंड संहिता में प्रावधान
आईपीसी-269...
जो लोग गैरकानूनी रूप से या लापरवाही बरतते हुए एेसा काम करते हैं जिससे किसी संक्रामक रोग के फैलने की आशंका है, उन्हें 6 माह तक की जेल या जुर्माना से दंडित किया जा सकता है।
आईपीसी-270
जो व्यक्ति जानबूझकर या दुराशय से एेसा काम करता है जिससे किसी जानलेवा संक्रामक बीमारी के फैलने की आशंका बन जाती है। इस धारा के तहत अधिकतम दो वर्ष जेल व जुर्माना की सजा।
आईपीसी-271
यदि कोई व्यक्ति क्वारेंटाइन किए विमान या वाहन या स्थान को लापरवाही से या जानबूझकर दूसरों के संपर्क में लाता है, तो उसे 6 माह की जेल और जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।
कर्फ्यू से अलग है यह अपराध-
अक्सर सीआरपीसी की धारा 144 के तहत कलेक्टर कर्फ्यू लगाने का आदेश देता है। इसके उल्लंघन पर आईपीसी की धारा 188 के तहत अपराध दर्ज होता है। इसके तहत 2 से 6 माह तक की जेल और जुर्माने के प्रावधान है।