विकल्प / रेलवे के एसी कोच बनेंगे मिनी हॉस्पिटल 360 मरीजों को कर सकेंगे क्वारेंटाइन

भोपाल रेल मंडल के पास मौजूद 60 एसी कोच का उपयोग कर हर एक कोच मेें 6 कोरोना प्रभावितों के लिए क्वारेंटाइन की व्यवस्था की जा सकती है। इस तरह कुल 360 लोगों के लिए मिनी हॉस्पिटल बनाकर इन कोचों का उपयोग क्वारेंटाइन के लिए हो सकता है। डीआरएम उदय वोरवणकर का कहना है कि मांग के आधार पर वे तत्काल 5 से 10 कोच उपलब्ध करवाने तैयार हैं। जैसे-जैसे मांग बढ़ती जाएगी, कोच की संख्या बढ़ाई जा सकती है। वर्तमान में रेल मंडल के विभिन्न कोचिंग डिपो व यार्ड में सैनिटाइज किए हुए कोच खड़े हैं, जिनका उपयोग एक सूचना पर किया जा सकेगा। इसकी तैयारी भी भोपाल रेल मंडल नेे शुरू कर दी है।


रेल मंत्री पीयूष गोयल के निर्देश के बाद भोपाल सहित देश के विभिन्न रेल मंडलों ने खड़ी हुईं ट्रेनों के एसी कोच में कोरोना प्रभावितों के लिए व्यवस्थाएं जुटाने का निर्णय लिया है। डीआरएम ने बताया कि रेलवे या स्वास्थ्य विभाग के रिटायर्ड डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ उन्हें वॉलंटरी आधार पर अपनी सेवाएं दें, तो समस्या काफी हद तक दूर हो सकती है। चूंकि रेलवे के सारे दफ्तर बंद हैं, इसलिए डॉक्टरों समेत पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्तियां नहीं की जा सकतीं। 


वृद्धजन, गर्भवती महिलाओं व बच्चों को मरीज से दूर रखें


- होम क्वारेंटाइन मरीज को साफ हवादार कमरे में रखें। इसमें अटैच्ड टॉयलेट उपलब्ध हों व व्यक्ति को किसी अन्य कमरे में ना जाने दिया जाए। 
- अगर परिस्थितिवश किसी अन्य स्वस्थ व्यक्ति के साथ रहना पड़े तो कम से कम एक मीटर की दूरी रखें। 
- अलग कमरा नहीं होने एवं अधिक सदस्य होने की स्थिति में चिह्नांकित अस्पतालों में बनाए गए क्वारेंटाइन वार्ड में रखा जाए। 
- वृद्धजन, गर्भवती, बच्चे एवं ऐसे बीमार व्यक्ति जिन्हें उच्च रक्तचाप, डायबिटिज, अस्थमा एवं कैंसर आदि बीमारियां हों, उन्हें दूर रखा जाए। 
- मरीज को घर से बाहर न निकलने दिया जाए।


होम क्वारेंटाइन वाले ये सावधानियां रखें
- बार-बार साबुन एवं पानी से हाथ धोए जाएं अथवा अल्कोहल युक्त सेनेटाइजर से हाथ साफ किए जाएं। 
- घरेलू सामान जैसे कि खाने के वर्तन, उपयोग किए गए कपड़े एवं चादरें परिवार के अन्य सदस्यों के साथ साझा ना किया जाए तथा स्वयं धोएं।
- हमेशा सर्जिकल मास्क लगाएं तथा हर 6 से 8 घंटे बाद मास्क बदलकर बंद ढक्कन वाले कूड़ेदान में उसका निपटान करें। डिस्पोजेबल मास्क का पुन: उपयोग न करें।
- शरीर का तापमान नियमित अंतराल पर जांचें। 
- अगर खांसी, बुखार तथा सांस लेने में तकलीफ हो तो तुरंत अपने जिला भोपाल के कोबिड-19 कंट्रोल रूम के नंबर 104 व 181 पर संपर्क करें।



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